School Closed News: चंडीगढ़ में स्कूलों की छुट्टी बढ़ी, एयरफोर्स स्टेशन अलर्ट पर”
चंडीगढ़ – भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच चंडीगढ़ प्रशासन ने एक सतर्कता भरा और बड़ा फैसला लिया है। शहर में केंद्रीय विद्यालय समेत कई स्कूलों को 10 मई 2025 तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। यह कदम चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन और एयरपोर्ट क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
सभी स्कूलों को तत्काल बंद करने के आदेश | जारी हुआ ऑफिशियल सर्कुलर
प्रशासन ने सभी संबंधित स्कूल प्रिंसिपलों को तत्काल सर्कुलर जारी कर दिया है। इसके तहत अभिभावकों को बच्चों को स्कूल से तुरंत घर ले जाने का निर्देश दिया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से यह साफ किया गया है कि सभी स्कूलों में छुट्टियां 10 मई तक लागू रहेंगी, और स्थिति की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
ड्रोन और मिसाइल हमलों की आशंका के चलते अलर्ट पर एयरफोर्स स्टेशन
बीती रात पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत के 15 प्रमुख शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। इसमें चंडीगढ़, पठानकोट, श्रीनगर, जम्मू, भुज, अमृतसर, आदमपुर, नल और उत्तरलाई जैसे शहरों के एयरबेस शामिल थे।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई का करारा जवाब देते हुए उनके रडार सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। देशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है, विशेषकर वायुसेना ठिकानों के आसपास।
प्रमुख बिंदु: चंडीगढ़ स्कूल बंद आदेश 2025
- छुट्टियों की अवधि: 10 मई 2025 तक
- प्रभावित स्कूल: केंद्रीय विद्यालय और एयरफोर्स स्टेशन/एयरपोर्ट के आसपास के सभी स्कूल
- प्रशासन का निर्देश: अभिभावक बच्चों को स्वयं स्कूल से घर लेकर जाएं
- सुरक्षा कारण: पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश
भारत की जवाबी कार्रवाई – पाकिस्तान का डिफेंस सिस्टम ध्वस्त
भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कई रडार और मिसाइल सिस्टम को टारगेट कर नष्ट कर दिया है। सरकार की ओर से इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया है कि भारत हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें | सरकार और प्रशासन की एडवाइजरी का पालन करें
फिलहाल के हालात को देखते हुए अभिभावकों और शिक्षकों से अपील है कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस कठिन समय में संयम बनाए रखना ही सबसे बड़ा योगदान है।