Haryana News: हरियाणा हाईकोर्ट ने 2019 की भर्ती अधिसूचना रद्द कर दी है, जिससे हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। जानिए इस फैसले का असर और अगला कदम क्या होगा।
Haryana News – हरियाणा में सरकारी नौकरी पाने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 11 जून 2019 को जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक आधार पर उम्मीदवारों को 5 बोनस अंक दिए जाते थे। कोर्ट के इस फैसले ने हजारों सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है।
जाने क्या था मामला?
इस अधिसूचना के जरिए हरियाणा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरी में अवसर देने के लिए 5 अतिरिक्त अंक देने का प्रावधान किया था। यह स्कीम 2021 से लागू हुई थी, लेकिन अब कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया है।
किस आधार पर हुआ फैसला?
जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी आई. मेहता की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की बोनस अंक व्यवस्था भर्ती की निष्पक्षता को प्रभावित करती है। याचिकाकर्ता मोनिक रमन समेत अन्य उम्मीदवारों ने इसे चुनौती दी थी।
चार बड़ी भर्तियों की मेरिट लिस्ट पर असर
- कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि जिन चार भर्ती प्रक्रियाओं में यह स्कीम लागू हुई थी, उनमें मेरिट लिस्ट दोबारा तैयार की जाए।
- हरियाणा सरकार को चार महीने में यह प्रक्रिया पूरी करनी है।
- इससे पहले से कार्यरत हजारों कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
सरकारी प्रतिक्रिया और राजनीतिक असर
अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे उम्मीदवारों और कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विपक्षी पार्टियों ने इसे सरकार की लापरवाही बताया है।
आगे क्या होगा?
- सरकार को जल्द ही नीति में संशोधन कर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने होंगे।
- प्रभावित कर्मचारी कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं या विशेष राहत की मांग कर सकते हैं।
- HSSC को भी अपनी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी।
Haryana News के इस बड़े घटनाक्रम ने प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया को नई दिशा दी है। जहां एक ओर यह फैसला मेरिट आधारित चयन को बढ़ावा देता है, वहीं दूसरी ओर हजारों लोगों की आजीविका पर संकट खड़ा कर देता है। अब नजरें सरकार और न्यायालय के अगले कदम पर टिकी हैं।