नूंह जिला नीति आयोग रिपोर्ट 2025 में 114वें से 20वें स्थान पर पहुंचा। केंद्र ने 38 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। जानें शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की पूरी कहानी।
नूंह जिले ने नीति आयोग की रिपोर्ट में रच दिया इतिहास
हरियाणा का नूंह जिला, जिसे एक समय पर देश के सबसे पिछड़े जिलों में गिना जाता था, अब ‘विकास की नई पहचान’ बनकर उभरा है। नीति आयोग की पिछड़े जिलों की रिपोर्ट 2025 के अनुसार, नूंह ने 114वें स्थान से जबरदस्त छलांग लगाकर 20वां स्थान हासिल कर लिया है। यह बदलाव केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत में नजर आता है।
केंद्र से 38 करोड़ का विशेष विकास बजट
इस ऐतिहासिक सुधार को देखते हुए केंद्र सरकार ने नूंह जिले के लिए ₹38 करोड़ की विशेष विकास राशि मंजूर की है। केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने जिले के लघु सचिवालय में प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में उपयोग की जाएगी।
49 इंडिकेटर्स में बेहतरीन प्रदर्शन
नीति आयोग की रिपोर्ट में शामिल 49 पैरामीटर्स में से अधिकांश में नूंह ने शानदार प्रदर्शन किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत क्षेत्रों में न केवल सुधार हुआ, बल्कि कई मानकों पर जिला शीर्ष 3 में भी शामिल रहा।
प्रमुख सुधार क्षेत्र:
- बच्चों की स्कूल में उपस्थिति में इज़ाफा
- मातृ मृत्यु दर में कमी
- जल प्रबंधन और स्वच्छता में नवाचार
- ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता में बढ़ोतरी
इंफ्रास्ट्रक्चर में आया क्रांतिकारी बदलाव
राव इंद्रजीत सिंह ने नूंह के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की प्रशंसा करते हुए बताया कि जिले में सड़कें, पेयजल आपूर्ति और सरकारी भवनों में गुणवत्ता और क्षमता का विस्तार हुआ है। उन्होंने आगामी प्रोजेक्ट्स जैसे कोटला झील रिनोवेशन और स्मार्ट जल प्रबंधन सिस्टम का भी ज़िक्र किया।
भाजपा जिलाध्यक्ष को सम्मान और युवाओं को उम्मीद
इस मौके पर सांसद ने भाजपा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पिंटू को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि पिंटू ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में रहते हुए नूंह के युवाओं को बिना पर्ची-बिना खर्ची सरकारी नौकरियां दिलाईं, जो प्रेरणादायक है।
क्यों है यह उपलब्धि खास?
- हरियाणा के 22 जिलों में नूंह ही शामिल है नीति आयोग सूची में
- पहली बार इतनी ऊंची छलांग किसी पिछड़े जिले ने लगाई है
- शासन, प्रशासन और स्थानीय जनता का संयुक्त प्रयास
नूंह जिला नीति आयोग रिपोर्ट 2025: एक नजर में
पैरामीटर | स्थिति 2020 | स्थिति 2025 |
---|---|---|
स्थान (राष्ट्रीय स्तर) | 114वां | 20वां |
शिक्षा | कमजोर | सुधार के साथ बेहतर |
स्वास्थ्य | चिंता का विषय | शीर्ष 10 में |
जल प्रबंधन | अविकसित | उभरता हुआ मॉडल |
बजट | सीमित | ₹38 करोड़ स्वीकृत |
नूंह जिला नीति आयोग रिपोर्ट 2025 दर्शाती है कि यदि इच्छाशक्ति, प्रशासनिक समर्पण और जनता का सहयोग मिल जाए तो कोई भी पिछड़ा जिला विकास की मिसाल बन सकता है।