नूंह प्रशासन ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए बसई मेव में अस्थायी पुलिस चौकी की स्थापना की है। उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने दी जानकारी। जानिए इसका उद्देश्य और आगे की रणनीति।
बसई मेव में अस्थायी पुलिस चौकी का शुभारंभ, अवैध खनन पर लगेगा ब्रेक
हरियाणा के नूंह जिले में खनन से जुड़ी गतिविधियों पर अब प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। जिला उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा के नेतृत्व में नूंह प्रशासन ने बसई मेव गांव में एक अस्थायी पुलिस चौकी की स्थापना कर दी है। यह चौकी अवैध खनन और खनिजों के गैरकानूनी परिवहन पर रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।
बसई मेव क्यों बना केंद्र?
फिरोजपुर झिरका उपमंडल का बसई मेव गांव नूंह जिले के उन इलाकों में शामिल है, जहां अवैध खनन गतिविधियों की संभावना समय-समय पर जताई जाती रही है। पहाड़ी इलाकों से जुड़े इस क्षेत्र में कुछ लोग खनिज पदार्थों का अनधिकृत दोहन करते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है बल्कि कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है।

अस्थायी पुलिस चौकी: क्या होगी भूमिका?
- अवैध खनन और खनिज परिवहन पर त्वरित कार्रवाई
- संदिग्ध गतिविधियों की 24×7 निगरानी
- स्थानीय प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय
- गांव और आसपास के इलाकों में सुरक्षा का एहसास
इस अस्थायी पुलिस चौकी से न केवल खनन पर लगाम लगेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को कानूनी सुरक्षा का भरोसा भी मिलेगा।
स्थायी चौकी की मंजूरी प्रक्रिया जारी
उपायुक्त मीणा ने बताया कि यह अस्थायी व्यवस्था तब तक प्रभावी रहेगी जब तक कि इस क्षेत्र के लिए स्थायी पुलिस चौकी की सरकारी स्वीकृति प्राप्त नहीं हो जाती। फिलहाल प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय लोगों में संतोष, प्रशासन की सराहना
बसई मेव और आसपास के ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। लंबे समय से क्षेत्र में सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिसे अब पूरा किया गया है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम
अवैध खनन से न सिर्फ सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे पर्यावरणीय असंतुलन, जल स्रोतों की क्षति और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा भी होता है। ऐसे में नूंह प्रशासन की यह पहल हरित विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।