New Delhi:- भारत का गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका मतलब होता है कि यह दिन वह दिन है जब भारतीय संविधान 1950 में प्रभावी हुआ था। इस महत्वपूर्ण दिन का चयन किसी सामाजिक या राजनीतिक घटना के साथ नहीं किया गया था, बल्कि इसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना का सामर्थ्य छिपा हुआ है।
26 जनवरी का चयन उस दिन के लिए किया गया जब 1930 में महात्मा गांधी ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी, जिससे इस दिन को “पूर्ण स्वराज दिवस” के रूप में भी जाना जाता है। यह घटना स्वतंत्रता आंदोलन की ऊँचाइयों को चिरपिंगती है और इसे राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता की प्रारंभिक घटना मानी जाती है।
गणतंत्र दिवस के इस मौके पर, नागरिकों को यह अवसर मिलता है कि वे देश के संविधानिक मूल्यों और सिद्धांतों को समझें और मान्यता दें। साथ ही, राष्ट्र को एक बार फिर से उसके संविधान की महत्वपूर्णता और सुरक्षा की अवश्यकता का आभास होता है। इस दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने से देशवासियों के बीच एकता और गर्व का भावना उत्पन्न होता है।
इस त्योहार में राष्ट्रीय समर्पण और एकता की भावना को सजग किया जाता है, जो देश को मजबूती और सशक्ति के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन को सामूहिक उत्सव और समारोहों के साथ मनाकर, लोग एक समृद्ध और विकसित भारत की कल्पना करते हैं और देश के संविधान के प्रति अपने समर्पण को पुनरावृत्ति करते हैं।