“R. Ashwin’s Retirement: A Shocking Decision, What’s the Secret Behind It?”
रविचंद्रन अश्विन का बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024/25 के दौरान बीच में ही संन्यास लेने का फैसला सभी को हैरान कर गया। 38 वर्षीय इस दिग्गज खिलाड़ी ने बुधवार को अपने शानदार करियर पर विराम लगा दिया, जिसमें उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट हासिल किए। अब खबरें सामने आई हैं कि अश्विन के इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण हैं – चोट की समस्या और भारतीय टेस्ट टीम में उनका भविष्य। बताया जा रहा है कि अश्विन पहले टेस्ट मैच से पहले ही संन्यास पर विचार कर रहे थे, लेकिन उस समय उन्होंने अंतिम फैसला नहीं लिया था। उन्होंने अपने परिवार को इस फैसले की जानकारी सिर्फ एक रात पहले दी।
चोट और टीम में जगह का संघर्ष
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अश्विन के घुटने की लगातार समस्या ने उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले ही संन्यास के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था। इसके अलावा, अश्विन ने यह फैसला टीम इंडिया में अपने टेस्ट भविष्य को ध्यान में रखते हुए भी लिया।
अब तक खेले गए तीन टेस्ट मैचों में अश्विन को केवल एक मैच में मौका मिला, जबकि बाकी दो मैचों में उनकी जगह रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को तरजीह दी गई। रिपोर्ट बताती है कि 38 वर्ष की उम्र में चोटों से जूझते अश्विन और विदेशी परिस्थितियों में उनकी नियमित भूमिका न मिलने की वजह से उन्होंने अचानक यह निर्णय लिया।
परिवार और साथियों की प्रतिक्रिया
रिपोर्ट के अनुसार, अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने से पहले अपने परिवार को इस बात की जानकारी दी थी कि वे संन्यास पर विचार कर रहे हैं। परिवार ने उन्हें यह फैसला सोच-समझकर लेने की सलाह दी। लेकिन जब अश्विन ने यह निर्णय लिया, तो उनके परिवार को इसकी जानकारी सिर्फ मंगलवार रात को ही दी गई।
इसके अलावा, अश्विन ने टीम इंडिया के हर खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से अपने संन्यास के बारे में बताया। उनके साथी खिलाड़ियों के लिए यह खबर चौंकाने वाली थी।
अश्विन का आखिरी टेस्ट मैच एडिलेड में पिंक-बॉल टेस्ट था, जिसे भारत 10 विकेट से हार गया। इस मैच में अश्विन ने सिर्फ एक विकेट लिया, मिचेल मार्श को आउट करते हुए उन्होंने 18 ओवर में 1/53 के आंकड़े दर्ज किए।