Gold Price: सोने की कीमतों में भारी गिरावट, जानें मौजूदा कीमत और निवेश के बेहतरीन विकल्प

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Gold Price Down: पिछले महीने से सोने की कीमतों में गिरावट जारी है। बजट में सरकार द्वारा कस्टम ड्यूटी में कमी किए जाने के बाद से सोने के दाम घटे हैं। हालांकि, सरकार द्वारा नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करने की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इस स्थिति में गोल्ड ETF में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

मुख्य बिंदु:

  • सोने की कीमत पिछले महीने से लगातार गिर रही है।
  • नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जारी होने की तारीख अज्ञात है।
  • गोल्ड ETF में निवेश से अच्छा रिटर्न प्राप्त हो सकता है।

सोने की कीमतों में गिरावट

नई दिल्ली: बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती की घोषणा के बाद सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है। वर्तमान में नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जारी करने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, जिससे निवेशकों का रुझान गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की ओर बढ़ा है। फाइनेंशियल प्लानर्स का मानना है कि निवेशकों के पोर्टफोलियो में कम से कम 10% गोल्ड का अलोकेशन होना चाहिए। कीमतों में ताजा गिरावट उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती है जिन्होंने अभी तक सोने में निवेश नहीं किया है।

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इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद घरेलू सोने की कीमतें 6% घटकर 69,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई हैं। पिछले एक साल में सोने ने 21.10% का रिटर्न दिया है।

गोल्ड को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें

विशेषज्ञों का मानना है कि गोल्ड, पोर्टफोलियो में विविधता लाने और महंगाई के खिलाफ एक मजबूत बचाव का काम करता है। इसलिए, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड का 5-10% हिस्सा रखना चाहिए। क्वांटम म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी चिराग मेहता के अनुसार, जिन्होंने अभी तक सोने में निवेश नहीं किया है, उनके लिए यह गिरावट एक बेहतर अवसर हो सकती है।

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गोल्ड में निवेश की मांग बढ़ सकती है

टाटा असेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर तपन पटेल का कहना है कि अमेरिकी चुनावों और फेड की नीतियों के कारण बाजार में अनिश्चितता, सोने के लिए सकारात्मक संकेत है। ब्याज दरों में कटौती की संभावना से गोल्ड फंडों में निवेश को बढ़ावा मिल सकता है। इसके अलावा, चीन से मजबूत आर्थिक प्रोत्साहन भी गोल्ड की निवेश मांग को बढ़ा सकता है।

नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर अनिश्चितता

अब तक फंड मैनेजरों ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को प्राथमिकता दी थी क्योंकि यह 2.5% अतिरिक्त ब्याज और मैच्योरिटी पर कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता था। हालांकि, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का आखिरी प्राइमरी इशू मार्च 2024 में था, और इस साल नए इशू को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है। मौजूदा सीरीज सेकेंडरी मार्केट में 10-12% प्रीमियम पर ट्रेड कर रही है। सेज कैपिटल के संस्थापक निखिल गुप्ता का मानना है कि नए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जारी होने के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। ऐसे में, गोल्ड ETF या गोल्ड म्यूचुअल फंड खरीदना निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

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क्या है गोल्ड ETF?

गोल्ड ETF भी शेयर की तरह खरीदे और बेचे जाते हैं। इनके ट्रांजेक्शन बीएसई और एनएसई से किए जा सकते हैं। जब भी आपको पैसे की जरूरत हो, आप इसे बेच सकते हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड है, जो आपके डीमैट अकाउंट में सुरक्षित रहता है।

Mohd Hafiz

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