हरियाणा लेबर इंस्पेक्टर घोटाला में 12 लाख फर्जी वर्क स्लिप जारी करने का मामला सामने आया है। 3 इंस्पेक्टर सस्पेंड, मंत्री विज ने DBT पेमेंट पर रोक लगाई। जानें पूरी खबर।
हरियाणा सरकार के श्रम विभाग में एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य में प्रशासनिक हलचल मचा दी है। इस हरियाणा लेबर इंस्पेक्टर घोटाले में 12 लाख से ज्यादा फर्जी वर्क स्लिप जारी करने का मामला उजागर हुआ है। इसके चलते तीन लेबर इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है और सभी संदिग्ध DBT पेमेंट पर तत्काल रोक लगा दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
श्रम मंत्री अनिल विज ने बीते तीन महीने से इस मामले की बारीकी से जांच करवाई। रिपोर्ट आने पर साफ हुआ कि हिसार, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर समेत कुल 6 जिलों में भारी गड़बड़ियां की गईं। अधिकारियों ने बिना किसी फिजिकल वेरिफिकेशन के लाखों की संख्या में वर्क स्लिप जारी कर दीं, जिससे लाखों रुपये की DBT पेमेंट फर्जी तरीके से पास कराई गई।
जाने कौन-कौन हैं आरोपी अधिकारी?
तीनों निलंबित लेबर इंस्पेक्टरों के नाम और उनके फर्जी वर्क स्लिप की संख्या:
- राज कुमार (बहादुरगढ़ झज्जर सर्कल-2) – 44,168 वर्क स्लिप
- रोशन लाल (सोनीपत सर्कल-2) – 51,748 वर्क स्लिप
- धनराज (फरीदाबाद सर्कल-12) – 35,128 वर्क स्लिप
इन सभी पर आरोप है कि अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच इन्होंने बिना साइट विजिट और बिना जांच के फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए।
अधिकारियों की मिलीभगत और विभागीय साठगांठ
जांच में चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि लेबर इंस्पेक्टरों और पंचायत विभाग के कुछ अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से यह घोटाला अंजाम दिया गया। इन अधिकारियों ने मिलकर नियमों की अनदेखी करते हुए फर्जी सर्टिफिकेट मंजूर किए और सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया।
विज की सख्ती: DBT पेमेंट पर रोक
मामले की गंभीरता को समझते हुए मंत्री अनिल विज ने सभी संदिग्ध DBT पेमेंट्स पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “घोटाले में शामिल किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और आगे की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी।”
पंचायत विभाग पर भी कसा शिकंजा
फर्जीवाड़े में शामिल पंचायत विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। श्रम विभाग ने इस बाबत विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त और सचिव को पत्र भेज दिया है, ताकि दोषियों पर विभागीय कार्रवाई हो सके।