नूंह मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल बनाया जाएगा
हरियाणा के नूंह जिले के मेडिकल कॉलेज में जल्द ही एक अत्याधुनिक 100 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल स्थापित किया जाएगा। यह अस्पताल क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के साथ-साथ मातृ और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
सुविधाओं का विस्तार
नए जच्चा-बच्चा अस्पताल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध होंगे। इसमें प्रसव, नवजात देखभाल, और महिलाओं की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स, और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की जाएगी ताकि माताओं और बच्चों को सर्वोत्तम उपचार मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
यह अस्पताल न केवल नूंह जिले के लिए, बल्कि आसपास के इलाकों के लोगों के लिए भी एक राहत का कारण बनेगा। अब तक, इस क्षेत्र के लोगों को जच्चा-बच्चा संबंधित उपचार के लिए कई बार दूर-दराज के अस्पतालों का रुख करना पड़ता था। नवं स्थापित अस्पताल के द्वारा स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे लोगों को बेहतर और सस्ती चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।
मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
नूंह क्षेत्र में मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए यह कदम विशेष महत्व रखता है। अस्पताल के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच, प्रसवपूर्व देखभाल, और प्रसव के बाद स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, नवजात बच्चों की देखभाल के लिए भी एक समर्पित इकाई बनाई जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का तत्काल इलाज किया जा सके।
नहीं होगा स्वास्थ्य सेवाओं का संकट
नूंह जिले में जच्चा-बच्चा अस्पताल की स्थापना से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट कम होगा। यह अस्पताल एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा जहां महिलाएं और बच्चे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके साथ ही, इस अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल सकेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
नूंह के मेडिकल कॉलेज में 100 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल बनाना न केवल मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह पूरे जिले के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करने का एक बड़ा अवसर भी है। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर बढ़ेगा, बल्कि लोगों को बेहतर उपचार के अवसर भी मिलेंगे।