Badh bitter gourd: जंगली सब्जी जो है औषधियों का खजाना, जाने क्या है?
Badh bitter gourd आजकल बाजार में मिलने वाली ज्यादातर सब्जियां रासायनिक खाद और कीटनाशकों से तैयार की जाती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसके विपरीत, कुछ देसी सब्जियां प्रकृति में पनपती हैं, जो न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होती हैं। ऐसी ही एक सब्जी है “बाड़ करेला,” जो बरसात के मौसम में खरीफ सीजन के दौरान उगती है। यह सब्जी न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि कई बीमारियों को दूर करने की क्षमता भी रखती है।
प्राकृतिक रूप से उगने वाली जंगली सब्जी
Badh bitter gourd की बेलें खेतों की मेड़, बीड़, या जोहड़ में स्वतः उगती हैं, इसलिए इसे जंगली सब्जी भी कहा जाता है। मानसून के दौरान यह बेलें अपने आप ही पनपने लगती हैं, लेकिन कुछ किसान इसके बीज भी खेतों की बाड़ों में छिड़क देते हैं।
बाड़ करेला की विशेषताएँ
बाड़ करेला की बेल का आकार हाथ की आकृति जैसा होता है, और इस पर हरे रंग के छोटे, गोल आकार के फल लगते हैं। ये फल आगे और पीछे से नुकीले होते हैं और इन्हीं फलों को बाड़ करेला कहा जाता है।
औषधीय गुणों से भरपूर
वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक राजेंद्र कुमार के अनुसार, बाड़ करेला स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन इसकी सब्जी अत्यधिक गुणकारी होती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है और अपच, अजीर्ण, पेट दर्द जैसी समस्याओं में राहत देता है।
इसके अतिरिक्त, यह सब्जी रक्त विकार, पित्त विकार, पांडु, प्रमेह और उदरकृमि नाशक है। यह एसिडिटी, छाती में जलन, खट्टी डकार, और गैस जैसी समस्याओं में भी काफी फायदेमंद होती है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह एक विशेष औषधि है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। इसे सूखे पाउडर या जूस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
स्वादिष्ट सब्जी बनाने का तरीका
बाड़ करेला को सीधा खाने में थोड़ा कड़वा हो सकता है, इसलिए इसे पकाने से पहले हल्दी और नमक के साथ मेरिनेट किया जाता है ताकि इसका स्वाद थोड़ा मीठा हो जाए। इसकी सब्जी पूरी तरह से देसी और जैविक होती है, जिसे ग्रामीण लोग बड़े चाव से बनाते हैं।
बाड़ करेला खेतों की बाड़, बीड़, और जोहड़ पर प्राकृतिक रूप से उगने वाली जैविक सब्जी है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है।