Unique Marriage in Haryana:- एक अनोखी शादी नूंह जिले के हरियाणा में संपन्न हुई है, जिसका जिक्र हर तरफ हो रहा है। इस शादी में न किसी पंडित की जरूरत पड़ी और न ही कोई मंत्रों का उच्चारण हुआ
एक विशेष शादी हरियाणा के नूंह जिले में हुई है, जिसने हिंदू समाज को चौंका दिया है। यह शायद भारत का पहला ऐसा विवाह है जिसमें पंडित की भूमिका नहीं थी। इस शादी में कोई फेरे नहीं लिए गए और कोई मंत्र नहीं बोले गए। नूंह जिले के नगीना गांव की यह अद्भुत शादी देखने लायक थी। बाबा साहेब अंबेडकर के अनुयायियों ने इस शादी से एक मिसाल कायम की है।
दूल्हन के पिता रविंदर ने बताया कि उनके पूर्वज एक ऐसी परंपरा और विश्वास के अनुसार शादियां करते थे जो उनके समाज या धर्म में नहीं शिक्षित किया गया। उन्हीं में से नूंह के सलंबा गांव के समाजसेवी समय सिंह ने कहा कि अब तक हमारे पूर्वज पंडित वह ब्राह्मणों के साथ 7 फेरों वाली शादियां करते आए हैं। जबकि यह एक संगठन का षड्यंत्र है, आज हमने उनके इस षड्यंत्र को तोड़ा है और बिना मंत्र या बिना 7 फेरों के यहां शादी कराई है।
‘हम खुद निर्धारित करेंगे शादी का दिन’
उन्होंने कहा कि जब बेटी और बेटा हमारे हैं तो पंडित शादी का दिन क्यों तय करें। आज से हम खुद निर्धारित करेंगे शादी कब, कौन से दिन और कौन से महीने में होगी। उन्होंने कहा अगर ब्राह्मण या पंडित द्वारा चुनी गई लगन या सगाई सही होती तो आज हमारे समाज में कोई भी बहन बेटी विधवा नहीं होती। उन्होंने कहा इंदिरा गांधी और मेनका गांधी जैसी महिलाओं का फेरा 121 पंडितों ने किया। लेकिन वह जवान उम्र में ही विधवा हो गई। समय सिंह ने कहा कि हम बाबा भीमराव अम्बेडकर के अग्रज हैं और उन्होंने इस बात को नकारा है।