नई दिल्ली:- एलॉन मस्क की कंपनी, स्टारलिंक, ने घोषणा की है कि वह भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान करने का इरादा रखती है। यह सेवा अगले महीने से उपलब्ध हो सकती है। स्टारलिंक को GMPCS (ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट) लाइसेंस प्राप्त होने पर स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए योग्य होना होगा।
स्टारलिंक ने पिछले वर्ष GMPCS लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन दूरसंचार विभाग ने कहा कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों की व्यवस्था में हो रही देरी के कारण स्टारलिंक के आवेदन को आगे बढ़ाने में देरी हो रही थी। स्टारलिंक को GMPCS लाइसेंस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों से मंजूरी की आवश्यकता है।
स्टारलिंक की सेवाओं की लागत फाइबर आधारित ब्रॉडबैंड सेवा से अलग होती है और इसलिए थोड़ा अधिक हो सकती है। सेवा की स्थापना के लिए 8 से 10 हजार रुपये का खर्च और प्रति महीने 300 से 400 रुपये की फीस लग सकती है, लेकिन कुछ प्रमोशनल सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं।
महत्वपूर्ण विवरण
परियोजना अवलोकन: GMPCS लाइसेंस की अवधि 20 वर्ष है, और स्टारलिंक सेवा का आरंभ की तिथि अगले महीने के लिए निर्धारित है। सेटअप शुल्क 8,000 से 10,000 रुपये के बीच है, और मासिक शुल्क 300 से 400 रुपये के बीच है। यह लेख स्पष्ट रूप से भारत में स्टारलिंक की प्रवेश योजना को विवरण करता है, जिसमें देश में इंटरनेट की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार की संभावना है।
जियो और एयरटेल
जियो और एयरटेल दोनों ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की शुरुआत करने के प्रयासों में शामिल हैं। एयरटेल ने वनवेब को समर्थन देने का प्रयास किया है, और जियो ने जीएमपीसीएस लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इन कंपनियों को लाइसेंस प्राप्त होने के बाद, उन्हें दूरसंचार विभाग (DoT) से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम खरीदना होगा।