Nuh Government School Salary Scam में 5928000 रुपये से अधिक का गबन, शिक्षक के यूनिक कोड के जरिए LTC और एरियर की रकम फर्जी खातों में ट्रांसफर की गई।
सरकारी स्कूल में यूनिक कोड के जरिए किया गया बड़ा घोटाला
नूह जिले के सरकारी स्कूल में हुआ करोड़ों रुपए का बड़ा वेतन घोटाला। 5928000 से ज्यादा सरकारी खजाना उड़ाया गया और यह खेल शिक्षक के यूनिक कोड के जरिए किया गया। 6 साल पुराना मामला अब खुलकर सामने आया है और पुलिस ने बड़ी कारवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोप है कि तत्कालीन डीडीओ और मैनेजर ने मिलकर सरकारी धन की जमकर बंदर बांट की। यह मामला सिंगार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुन्हाना का है, जहां गणित अध्यापक हामिद हुसैन के नाम पर एलटीसी एरियर और शिक्षा भत्ते की लाखों रुपए की रकम फर्जी खातों में ट्रांसफर कर दी गई।
2018 में सामने आया वेतन और एलटीसी फर्जीवाड़ा
शिक्षक हामिद ने जब 2018 में अपनी सैलरी स्लिप निकाली तो पाया कि उनकी कोड से ₹20183 एरियर और शिक्षा भत्ता तक अलग-अलग बैंक खातों में निकाल लिया गया। केवल इतना ही नहीं 49,000 की एलटीसी भी बिना आवेदन के निकालकर मैनेजर वाहिद अहमद के खाते में डाल दी गई। इस तरीके से और भी कई तरह के घोटाले सामने आए। जहां कुल मिलाकर 5928000 से ज्यादा सरकारी खजाना उड़ाया गया। आरोप है कि तत्कालीन डीडीओ मोहम्मद अली और मैनेजर वाहिद अहमद कई कर्मचारियों के यूनिक कोड बदल कर लाखों की रकम हड़पते रहे। शिकायत 2018 में की गई थी।
लेकिन मामला दबा रहा। अब एसपी कार्यालय के आदेश पर बिछोर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मैथ्स टीचर की शिकायत से खुला Nuh Government School Salary Scam
इस मामले का खुलासा एक मैथ्स टीचर आमिद हुसैन की शिकायत के बाद हुआ। उन्होंने बताया कि हर सरकारी कर्मचारी का एक यूनिक कोड होता है, जिसके जरिए सैलरी और अन्य सरकारी लाभ दिए जाते हैं। आमिद हुसैन का तबादला हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद उनकी पिछली पोस्टिंग वाली स्कूल से भी उनके यूनिक कोड के जरिए लगातार भुगतान किया गया।
इस फर्जीवाड़े का पता उन्हें तब चला जब वह एलटीसी क्लेम करने गए। जांच में सामने आया कि उनका एलटीसी पहले ही क्लेम किया जा चुका है। यह रकम बाद में मैसेंजर वाहिद अहमद के खाते में ट्रांसफर की गई थी। इसी आधार पर तत्कालीन डीडीओ और मैसेंजर वाहिद अहमद समेत स्कूल के एसएस मास्टर को आरोपी बनाया गया है। फिलहाल 2016 से 2019 तक के सभी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।
2016 से 2019 तक के दस्तावेज खंगाल रही पुलिस
पुलिस द्वारा मामले की गहन अकाउंटिंग जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि घोटाला केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य स्कूलों में भी इसी तरह यूनिक कोड का गलत इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किस कर्मचारी की कहां-कहां पोस्टिंग थी, उनके यूनिक कोड का कहां-कहां इस्तेमाल हुआ और कितनी राशि ट्रांसफर की गई। पूरे मामले की कंप्लीट इन्वेस्टिगेशन के बाद आगे की कार्रवाई और विस्तृत जानकारी सामने लाई जाएगी।








