Colonel Sofiya Qureshi, भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। जानिए उनकी जीवनी, सैन्य करियर, उपलब्धियां और नेट वर्थ की पूरी जानकारी।
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” के मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। यह ऑपरेशन कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक थी।
Sofiya Qureshi का शुरुआती जीवन और शिक्षा
- जन्मस्थान: वडोदरा, गुजरात
- जन्मतिथि: 12 दिसंबर 1981
- शिक्षा: महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक और परास्नातक
- सैन्य प्रशिक्षण: ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई (1999)
- परिवारिक पृष्ठभूमि: तीसरी पीढ़ी की सेना अधिकारी; पिता और दादा दोनों भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं
Sofiya Qureshi का सैन्य करियर की उपलब्धियां

- 2006: संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत कांगो में शांति रक्षा कार्य में तैनात
- 2016: “एक्सरसाइज़ फोर्स 18” में पहली भारतीय महिला अधिकारी जिन्होंने ASEAN+ देशों की मल्टीनेशनल सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया
- 2025: “ऑपरेशन सिंदूर” की प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख भूमिका निभाई, साथ में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
7 मई 2025 को लॉन्च हुए इस सैन्य ऑपरेशन में भारतीय सेना ने नौ आतंकी अड्डों को निशाना बनाया, जो पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित थे। यह स्ट्राइक 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों की शहादत का जवाब थी।
Sofiya Qureshi का व्यक्तिगत जीवन
- पति: कर्नल ताजुद्दीन बगेवाड़ी (मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री)
- बेटा: भारतीय वायुसेना में भर्ती की तैयारी में
- सम्मान और सार्वजनिक पहचान
- सुप्रीम कोर्ट ने सराहा: 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले (महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन) में कर्नल सोफिया कुरैशी के योगदान की विशेष सराहना की गई
- गुजरात की शान: उनके गृह नगर वडोदरा और विश्वविद्यालय ने उनकी उपलब्धियों को गर्व से याद किया
Sofiya Qureshi का नेट वर्थ और आय
- मासिक आय: ₹2 लाख से ₹3 लाख के बीच
- कुल संपत्ति: ₹30 लाख से ₹50 लाख के बीच अनुमानित
कर्नल सोफिया कुरैशी का सफर प्रेरणादायक है — एक सामान्य छात्रा से लेकर भारत की सैन्य ताकत का चेहरा बनने तक। ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए उन्होंने न सिर्फ भारत का नाम ऊंचा किया बल्कि यह भी दिखाया कि महिलाएं सेना में भी नेतृत्व की भूमिका में आगे बढ़ सकती हैं।