हरियाणा के शिक्षा तंत्र में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। Haryana News की लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, गुरुग्राम जिले में 100 मीटर की दूरी पर स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम स्कूलों के एकीकरण और संसाधनों के बेहतर उपयोग की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
194 स्कूलों की सूची तैयार, शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट
हरियाणा मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे स्कूलों की पहचान करें जो 100 मीटर से कम दूरी पर स्थित हैं। विभाग के अनुसार, फिलहाल राज्य भर में ऐसे करीब 194 स्कूल मौजूद हैं, जिनकी पुष्टि प्रक्रिया चल रही है। इन स्कूलों की रिपोर्ट 14 मई तक निदेशालय को भेजी जानी है।
स्कूलों के विलय से जुड़े फायदे और विवाद
सरकार का मानना है कि नजदीकी स्कूलों को मर्ज करने से ना केवल संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होगा बल्कि शिक्षकों की कमी भी दूर की जा सकेगी। वर्तमान में कई स्कूलों में सिर्फ 2 शिक्षक हैं और छात्रों की संख्या 40 से 50 के बीच है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
लेकिन इस फैसले का शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अशोक प्रजापति ने कहा कि “15 से अधिक ऐसे स्कूल हैं जो बच्चों की पहुंच में हैं और उन्हें बंद करना सही नहीं है।” उनका मानना है कि इससे ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
ग्रामीण और शहरी इलाकों में समान प्रभाव
शहरी क्षेत्र में जहां 8 से 10 ऐसे स्कूल पाए गए हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में भी इसी तरह की स्थिति है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूलों को बंद करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छात्रों को आने-जाने में परेशानी न हो और उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए।