BPL Fraud: हरियाणा में सख्त सरकार, फर्जी लाभार्थियों की खैर नहीं
हरियाणा में फर्जी राशन कार्ड पर सरकार की बड़ी कार्रवाई शुरू! केस दर्ज होंगे, सूची से बाहर होंगे अपात्र
चंडीगढ़, अप्रैल 2025 – हरियाणा सरकार ने राज्य में फर्जी तरीके से बनाए गए बीपीएल और अंत्योदय राशन कार्डधारकों पर सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। आने वाले दिनों में लाखों राशन कार्ड रद्द हो सकते हैं और गलत तरीके से लाभ ले रहे लोगों पर एफआईआर तक दर्ज हो सकती है।
इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा साफ है – सही व्यक्ति को ही सरकारी लाभ मिले और असल जरूरतमंद तक ही मुफ्त राशन पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री का साफ संदेश: “फर्जी गरीबों को बख्शा नहीं जाएगा”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने एक बयान में साफ कर दिया है कि अगर किसी ने झूठी जानकारी देकर बीपीएल सूची में नाम जुड़वाया है, तो वह खुद ही नाम हटवाए, नहीं तो उस पर कानूनी कार्रवाई तय है। राज्य सरकार “Zero Tolerance” नीति के तहत ऐसे मामलों में कड़ी सजा देने की तैयारी में है।
कितना बड़ा है फर्जीवाड़ा?
राज्य में BPL और AAY (अंत्योदय अन्न योजना) कार्डधारकों की कुल संख्या 51.72 लाख है। इन सभी पर सरकार हर महीने करीब 241 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। राशन सामग्री में प्रति व्यक्ति को गेहूं, बाजरा, चीनी और सरसों तेल दिया जाता है।
लेकिन, अब जांच में यह सामने आया है कि इनमें से कई परिवार योग्यता की शर्तें पूरी नहीं करते, फिर भी सरकारी राशन ले रहे हैं।
फर्जी कार्ड की पहचान कैसे होगी?
सरकार ने कुछ स्पष्ट मानदंड तय किए हैं जिनसे फर्जी बीपीएल कार्डधारकों की पहचान की जा सकेगी:
- परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए
- परिवार के किसी सदस्य के नाम पर फोर व्हीलर वाहन नहीं होना चाहिए
- सालाना बिजली बिल 20,000 से अधिक नहीं होना चाहिए
- फैमिली आईडी के अनुसार इनकम वेरिफाइड होनी चाहिए
- राशन कार्ड में दर्ज जानकारी सही और अप-टू-डेट होनी चाहिए
यदि इनमें से किसी भी मानदंड का उल्लंघन होता है, तो राशन कार्ड सीधे रद्द कर दिए जाएंगे।
SMS से मिलेगी हर अपडेट – पारदर्शिता की ओर एक कदम
सरकार ने डिजिटलीकरण को बढ़ावा देते हुए लाभार्थियों को अब उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर राशन डिलीवरी की जानकारी SMS के जरिए भेजनी शुरू कर दी है। इसमें उन्हें यह बताया जाता है कि किस तारीख को, कौन-कौन सी सामग्री उनके डिपो पर उपलब्ध होगी।
इस कदम से बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं भी तेज
सरकार के इस कदम को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। एक ओर जहां जनता के एक हिस्से ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं कुछ सामाजिक संगठनों ने “जांच में पारदर्शिता और समयसीमा तय करने” की मांग की है।
विपक्षी दलों ने भी सरकार से पूछा है कि क्या सच्चे गरीब इस जांच में अनजाने में बाहर नहीं हो जाएंगे?
जरूरतमंदों के लिए राहत, फर्जीवाड़ा करने वालों के लिए सख्ती
हरियाणा सरकार का यह कदम सही लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा और स्वागत योग्य फैसला है। लेकिन यह भी जरूरी है कि सभी जांच निष्पक्ष, पारदर्शी और मानवीय दृष्टिकोण से की जाए।