IAS Pooja Khedkar, महाराष्ट्र कैडर की अधिकारी, की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। लगातार हो रहे विवादों के बीच, संभावना जताई जा रही है कि उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री अतुल सावे ने उनके ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर के दावों की जांच की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार, अगर पूजा खेडकर दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है। प्रोबेशनरी IAS officer Pooja Khedkar को सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, और उन्हें सेवा से समाप्त भी किया जा सकता है। आरोप बहुत गंभीर हैं, और अगर जालसाजी साबित होती है, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी की नजरें अब जांच समिति की रिपोर्ट पर हैं, जो पूजा का भविष्य तय करेगी।
IAS officer Pooja Khedkar पर आपराधिक कार्रवाई हो सकती है
सूत्रों के अनुसार, यदि प्रमाण पत्रों की जालसाजी साबित होती है, तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। जांच समिति इस मामले के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगी, जिसके बाद विभागीय और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) अंतिम निर्णय लेगा।
कमेटी कर रही है IAS officer Pooja Khedkar की जांच
पूजा खेडकर पर UPSC में चयन हेतु नकली विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का आरोप है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी पहचान नॉन-क्रीमी ओबीसी के रूप में दर्ज कराई है, जबकि उनकी संपत्ति 17 करोड़ रुपये बताई गई है। और उनके पिता की संपत्ति 40 करोड़ बताई जा रही है। पूजा पर पद के दुरुपयोग का भी आरोप है। इस मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। अतिरिक्त सचिव इस मामले की जांच करेंगे। बता दें कि पूजा खेडकर अभी प्रोबेशन पर हैं और उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया है।
IAS officer Pooja Khedkar ने लाल नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट का यूज़ किया
पूजा खेडकर पर प्राइवेट ऑडी कार पर लाल नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट लगाने का भी आरोप है। पुणे पुलिस ने उनकी गाड़ी की जांच की है, जो एक निजी कंपनी के नाम पर है। इसके अलावा, उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से आवास गाड़ी और कर्मचारियों की मांग की थी, जिस पर स्थानीय कलेक्टर ने शासन से शिकायत की थी।