School Summer Vacation 2025: भीषण गर्मी और तनाव के बीच 51 दिनों की छुट्टियों का ऐलान, जानें किन राज्यों में कब से बंद होंगे स्कूल
Haryana News: भारत में भीषण गर्मी और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। देशभर के कई राज्यों में छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश (School Summer Vacation 2025) की घोषणा कर दी गई है। इस बार की गर्मी ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जिससे सरकारों को समय से पहले स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पड़ा है।
दिल्ली: 11 मई से 30 जून तक स्कूल रहेंगे बंद
राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी स्कूलों को 11 मई से 30 जून तक गर्मी की छुट्टियों पर भेज दिया है। इस दौरान अगर गर्मी का प्रकोप जारी रहा, तो छुट्टियों को आगे बढ़ाया जा सकता है और ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी अपनाया जा सकता है।
निजी स्कूलों को दी गई है स्वतंत्रता – निजी स्कूल अपने अनुसार अवकाश तय कर सकते हैं, हालांकि अभिभावकों से अपील की गई है कि वह बच्चों की सेहत को प्राथमिकता दें।
बोर्ड परीक्षा वाले छात्रों को नहीं मिलेगी पूरी छुट्टी
दिल्ली सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कक्षा 9वीं, 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई जारी रहेगी। उनके लिए 13 मई से 31 मई तक Remedial Classes आयोजित की जाएंगी, ताकि परीक्षा की तैयारी में कोई बाधा न आए।
रेमेडियल क्लासेस की टाइमिंग:
सुबह 7:30 से 10:30 बजे तक चलेंगी क्लासेस।
डबल शिफ्ट वाले स्कूलों में छात्रों को अलग-अलग विंग्स में पढ़ाया जाएगा।
पश्चिम बंगाल: 9 मई से लागू हो गई छुट्टियां
पश्चिम बंगाल सरकार ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 16 मई की बजाय 9 मई से ही स्कूलों में छुट्टियों का ऐलान कर दिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। राज्य के कई हिस्सों में पहले से ही पारा 45 डिग्री के पार जा चुका है।
गर्मी के कहर से देशभर में बदला स्कूलों का माहौल
देश के उत्तर, पूर्व और मध्य क्षेत्रों में गर्मी ने अपने चरम पर पहुंचकर स्कूल प्रशासन को ग्रीष्मावकाश आगे खिसकाने पर मजबूर कर दिया है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी जल्द ही गर्मी की छुट्टियों की घोषणा होने की संभावना है।
क्या ऑनलाइन पढ़ाई बनेगी नया विकल्प?
अगर जून के अंत तक भी तापमान में राहत नहीं मिलती, तो कई राज्य सरकारें हाइब्रिड मोड में शिक्षा देने पर विचार कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता है, इसलिए ऑनलाइन माध्यम ही बेहतर उपाय साबित हो सकता है।
भीषण गर्मी और क्षेत्रीय तनाव के बीच यह निर्णय आवश्यक और समयोचित है। बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों को संतुलित रखने की कोशिश में सरकारें रेमेडियल क्लासेस और ऑनलाइन विकल्पों पर फोकस कर रही हैं। ऐसे में अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए जरूरी सावधानियां अपनाएं और स्कूल के दिशा-निर्देशों का पालन करें।